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माली में बड़ा हादसा:  सोने की खदान ढहने से 70 की मौत- रिपोर्ट

माली में एक बहुत बड़ा हादसा हो चुका है. समाचार एजेंसी एफपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक,  सोने की खदान के ढहने से 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. यह घटना बुधवार को हुई है. माली दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है. यह देश अफ्रीका के प्रमुख सोना उत्पादकों में से एक है.

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सोने के खान में यहां आए दिन भू-स्खलन के मामले देखने को मिलते रहते हैं. इस महंगे धातु के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.

दक्षिण-पश्चिमी शहर कंगाबा के अधिकारी उमर सिदीबे ने शुक्रवार को बताया कि इस घटना की शुरुआत एक शोर के साथ हुई. घटना के वक्त धरती हिलने लगी थी. उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि घटनास्थल के आस-पास के क्षेत्रों में 200 से अधिक सोने की खदानें हैं. अभी श्रमिकों की तलाश जारी है. फिलहाल खदान से 73 शवों को बाहर निकाला गया है.

माली के खान मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कई खनिकों की मौत की घोषणा की थी लेकिन सटीक आंकड़े नहीं दिये थे. सरकार ने “शोकाकुल परिवारों और मालियन लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की.”इस घटना के बाद सरकार ने लोगों से आग्रह किया है कि तय मानकों के आधार पर ही खदान में जाएं.

जानकारी के मुताबिक, माली के खनन क्षेत्र में विदेशी समूहों का वर्चस्व है. कनाडा के बैरिक गोल्ड और बी2गोल्ड, ऑस्ट्रेलिया के रेसोल्यूट माइनिंग और ब्रिटेन के हमिंगबर्ड रिसोर्सेज सहित विदेशी कंपनियां हैं, जो वर्षों से देश में व्याप्त राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद काम कर रही हैं.

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इस घटना पर स्थानीय काउंसलर ने भी यह बात कही है.

अफ़्रीका के तीसरे सबसे बड़े सोना उत्पादक देश माली में ऐसी दुर्घटनाएं आम हैं. अधिकारी करीम बर्थे ने बताया कि, “भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचने के लिए राज्य को इस कारीगर खनन क्षेत्र में व्यवस्था लानी चाहिए.” खान मंत्रालय ने इस दुर्घटना पर “गहरा दु:ख” व्यक्त किया है और माइनर्स के साथ-साथ माइनिंग स्थलों के पास रहने वाले समुदायों से “सुरक्षा आवश्यकताओं का पालन करने” का आग्रह किया गया है.

ख़तरनाक स्थितियां

देखा जाए तो माली के साहेल क्षेत्र में सोने का खनन एक खतरनाक व्यवसाय है. मानवाधिकार संगठन नियमित रूप से कारीगर खनन कार्यों में बाल श्रम के उपयोग की निंदा करते हैं. इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) की 2019 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, नए गोल्ड पैनिंग श्रमिकों के निरंतर आगमन और उन्हें समर्थन देने के लिए बुनियादी ढांचे की कमी के कारण रहने और काम करने की स्थिति खतरनाक हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया है, “शहरी केंद्र से दूर, उन क्षेत्रों में जहां राज्य की उपस्थिति नगण्य है, प्रवासियों को आमतौर पर कार्यस्थल सुरक्षा के कोई उपाय नहीं होने से लाभ होता है.”

 

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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