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प्रदूषण के मामले में मुंबई ने तोड़ा दिल्ली का रिकॉर्ड, हवा लगातार हो रही है ज़हरीली

मुंबई:

अभी ठंड आने में देरी है लेकिन मुंबई में प्रदूषण (Mumbai Pollution) समय से पहले तांडव मचा रहा है और अमूमन प्रदूषण के लिए दिल्ली सुर्ख़ियों में रहती है लेकिन मुंबई की हालत और भी बदतर है. प्रदूषण के मामले में मुंबई ने दिल्ली का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. बीते तीन दिनों से मुंबई की दम घोंटू हवा दिल्ली से ज़्यादा ज़हरीली है. बढ़ते प्रदूषण को लेकर राज्य सरकार के मंत्री का कहना है कि चल रही परियोजनाएं इसके लिए ज़िम्मेदार हैं.सड़क से आसमान तक प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. मुंबई में पारा 36 डिग्री के पार पहुंच गया है.

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एयर क्वालिटी लगातार हो रहा है खराब

जानकारों का मानना है कि हर तरफ़ चल रहा कंस्ट्रक्शन और 34 से 36 डिग्री तापमान में तपती गर्मी के बीच आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले तीन दिनों से वायु स्तर यानी AQI मध्यम से खराब श्रेणी में देखने को मिल रहा है. इस दौरान मुंबई और आसपास के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में अंधेरी, मझगांव, नवी मुंबई देखा गया जहां AQI 300 के पार रहा.  

दिल्ली की तुलना में मुबंई की हवा खराब

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR-India) के अनुसार मुंबई में गुरुवार सुबह एक्यूआई लेवल 166 दर्ज किया गया, तो दिल्ली में 117.बुधवार शाम छह बजे मुंबई की हवा में पीएम10 का स्तर 143 था, जबकि दिल्ली में 122. मुंबई का AQI मंगलवार को 113 था. तो दिल्ली का AQI 83. हाल ये था कि बुधवार को धुँध के कारण मुंबई उपनगरीय नेटवर्क की मुख्य लाइन पर लोकल ट्रेनें 15 से 20 मिनट की देरी से चल रही थी.

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आईएमडी ने क्या कहा?

आईएमडी के निदेशक सुनील कांबले ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि इस साल बारिश का जल्दी ख़त्म होना, उसके कारण मिट्टी का बिल्कुल सूखना, परियोजनाओं से उड़ती धूल और बढ़ा ट्रैफिक, ये ज़हरीली हवा के मुख्य कारण हैं.  उन्होंने कहा कि अक्टूबर 10 को ही बारिश विथड्रॉ हुआ, लैंड सॉइल एकदम ड्राय है, चल रही परियोजनाओं में उड़ती धूल और बढ़ा ट्रैफिक ये सब बड़ा फैक्टर है. पहले भी अक्टूबर में ऐसा हुआ है कि AQI ख़राब श्रेणी में गई हो. कब कब ये देखना पड़ेगा. बीएमसी ने एक कमेटी बनाई है वो उपाय ढूंढ तो रहे हैं इसका. 

मंत्री दीपक केसरकर ने माना शहर में बढ़ा है प्रदूषण

पूरे मामले पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री दीपक केसरकर ने माना कि शहर में वायु प्रदूषण बढ़ा है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह रासायनिक नहीं बल्कि शहर में मेट्रो, पुलों के साथ-साथ रियल एस्टेट परियोजनाओं के कारण ये धूल प्रदूषण है और अधिकारी इसे रोकने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं. 

पर्यावरण पर काम करने वाली संस्था ‘पर्यावरण’ के संस्थापक भगवान केशभट कहते हैं कि इन परियोजनाओं पर एक छतरी के अंदर निगरानी हो, ये जल्द ज़रूरी है. अगर हम पिछले सर्दियों की बात करें तो मुंबई प्रदूषण के मामले में दुनिया भर में दूसरे स्थान पर था. इस साल अक्टूबर महीने में ऐसा क़रीब 14 दिन रहे जब हवा ख़राब से बेहद ख़राब श्रेणी में रही. बीएमसी ने 30 ‘एंटी-स्मॉग गन’ उर्फ ​​’फॉगिंग कैनन’ हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन उपकरणों का उपयोग विशेषकर सर्दियों में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए किया जाना प्रस्तावित है. बिना किसी चुनी पार्टी की चल रही बीएमसी इस साल प्रदूषण को कैसे कंट्रोल में रख पाएगी, कहना मुश्किल है. 

 

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