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जमानत के लिए बेटे का इस्तेमाल न करें निकिता सिंघानिया… बोले अतुल सुभाष के वकील


बेंगलुरु:

इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में उनके वकील आकाश जिंदल ने कहा कि “आरोपी पत्नी को अदालत में जमानत पाने के लिए बच्चे को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. अतुल ने यह आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी कि उसकी पत्नी ने तलाक के समझौते के लिए 3 करोड़ रुपये मांगे थे”. 

जमानत याचिका पर 4 जनवरी को होगी सुनवाई

बता दें कि अतुल सुभाष की आरोपी पत्नी की जमानत पर 4 जनवरी को बेंगलुरु की अदालत में सुनवाई होनी है. आरोपी निकिता सिंघानिया की जमानत याचिका सोमवार को दर्ज की गई और उसके और अन्य आरोपियों के वकील ने तर्क दिया कि मामले में आरोपी व्यक्तियों को कैसे और क्यों जमानत नहीं दी जानी चाहिए.

अतुल सुभाष के वकील ने कही ये बात

अतुल सुभाष के वकील ने आगे कहा, “इस प्रक्रिया में आपराधिक प्रकृति बढ़ती जा रही है और वह बच्चे का फायदा नहीं उठा सकती हैं और हमने बच्चे की पूरी कस्टडी मांगी है.” उन्होंने कहा, “हमारा रुख यह था कि उन्होंने जो अपराध किया है वो बहुत जघन्य है. इसके साथ ही हमने सर्वोच्च न्यायलयय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दर्ज की है, जहां न्यायालय ने तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा को बच्चे के ठिकाने का पता लगाने के निर्देश दिए हैं और जब बच्चा मिल जाएगा तो उसके अनुसार बच्चे की हिरासत पर विचार करने के निर्देश दिए जाएंगे.”

अतुल का परिवार बच्चे को लेकर चिंतित

उन्होंने कहा, “4 साल का बच्चा अपनी मां से अलग क्यों रह रहा है और क्या वह होस्टल में है? बच्चे के दादा-दादी उसे लेकर काफी चिंतित हैं.” अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार मोदी ने कहा कि परिवार अतुल के बच्चे को लेकर चिंतित है. अगर अतुल की पत्नी को बेल मिलती ह तो वो बच्चे पर हमला कर सकती है और बच्चे की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है. उन्होंने आगे कहा, “अगर वो मेरे बेटे को सुसाइड करने के लिए मजबूर कर सकती है तो वो अपने बच्चे को भी ऐसा करने के लिए मजबूर कर सकती है.”

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अतुल के पिता ने कही ये बात

उन्होंने कहा, “मेरा पोता उसका एटीएम था. वो उसकी देखभाल करने के नाम पर पैसे मांगती थी. उसने हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था और 20 से 40 हजार रुपये की मांग की थी. इसके बाद उसने 80 हजार रुपये की मांग की थी. लेकिन फिर भी वह रुकी नहीं और अधिक पैसों की मांग करने लगी. इस वजह से हमें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा ताकि बच्चे की कस्टडी हमें मिल सके और वो हमारे साथ सुरक्षित रह सके.”

अतुल सुभाष के भाई ने कही ये बात

अतुल सुभाष के भाई बिकास कुमार ने कि परिवार पुलिस द्वारा उठाए जा रहे कदम से खुश है और वो मामले की अच्छे से तहकीकात कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “पुलिस ने हमारा समर्थन किया और हम भी जांच में उनका पूरा सहयोग कर रहे हैं. हमें बच्चे की कस्टडी चाहिए और इसके बारे में हमने वकील को बता दिया है और अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है.”

बच्चे की कस्टडी मामले में 7 जनवरी को होगी सुनवाई

जब उनसे पूछा गया कि बच्चा कहां पर है तो उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते कि अतुल का बेटा कहां है. उन्होंने कहा, “हम 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं.” 

बेंगलुरु की ओटोमोबाइल कंपनी में काम करता था अतुल

बता दें कि सुभाष बेंगलुरु की ओटोमोबाइक कंपनी में काम कर रहे थे और तलाक के सैटलमेंट के लिए उनकी पत्नी द्वारा 3 करोड़ रुपये की मांग किए जाने के बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली थी. 9 दिसंबर को सुभाष ने अपने घर में आत्महत्या कर ली थी और इसके साथ उन्होंने 90 मिनट का वीडियो और 40 पन्नों का नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार पर शोषण का आरोप लगाया था. 

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मामले में निकिता उसकी मां और भाई गिरफ्तार

इस मामले में बेंगलुरु की पुलिस ने तीन आरोपियों – अतुल की पत्नी, मां और भाई को गिरफ्तार किया था और 14 दिन की हिरासत में भेज दिया था. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 108, 3 (5)  के तहत एफआईआर दर्ज की है. बिकास कुमार ने शिकायत में आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उनके भाई (अतुल) के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करवाए हैं और मामले को निपटाने के लिए 3 करोड़ रुपए की मांग की है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि उनके भाई को कार्यवाही के दौरान कोर्ट में ताना मारा गया कि या तो 3 करोड़ रुपए दो या फिर आत्महत्या कर लो.

निकिता के परिवार ने आरोप लगाया था कि अतुल सुभाष ने उनके परिवार से भारी दहेज की मांग की थी, जिसके परिणामस्वरूप उसके पिता की मृत्यु हो गई. 


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