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हमास और इजरायल के बीच की लड़ाई में भूखे मर रहे हैं फिलिस्तीनी लोग

भूखे से मर रहे हैं लोग

हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, लोग भूख से मरने लगे हैं. नाम न छापने की शर्त पर हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी और ज़मीन पर मौजूद कई अन्य लोगों के अनुसार, मृत कमांडर, फ़ायक़ अल-मबौह ने एक सुरक्षित मार्ग की व्यवस्था की थी, ताकि जो लोग जानवरों के चारे से रोटी बना रहे थे, उन्हें गेहूं का आटा मिल सके. गाजा के लोगों का कहना है कि इज़रायली सैनिकों ने मबौह के साथ काम करने वाले कई अन्य लोगों को मार डाला और सुरक्षित मार्ग भी इसी के साथ बंद हो गया.

उत्तर के इलाके में स्थिति बेहद खराब

इज़रायली सैन्य अधिकारियों ने शिफ़ा अस्पताल में अपने ऑपरेशन के दौरान लगभग 200 अन्य हमास कार्यकर्ताओं के साथ माबौह और उनके सहयोगियों की हत्या की बात स्वीकार की, लेकिन कहा कि इसका सहायता से कोई लेना-देना नहीं था. प्रवक्ता मेजर नीर दिनार ने कहा, “हम हमास के खिलाफ युद्ध में हैं, वह हमास का शीर्ष आतंकवादी था और इसलिए मारा गया.” यूएनआरडब्ल्यूए ने पिछले सप्ताह कहा था कि हालांकि यह जरूरतमंद लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में है, लेकिन इज़रायल इसे ऐसा करने से रोक रहा है, जिससे भूख और पीड़ा बढ़ रही है. जबकि पट्टी में हर जगह भोजन की आवश्यकता है, उत्तर में सबसे अधिक विकट स्थिति है.

उत्तरी गाजा में 70% आबादी भुखमरी के कगार पर

संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तरी गाजा में अकाल की स्थिति है जहां 70% आबादी भुखमरी के कगार पर है. हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि उत्तर में भूख से शिशुओं सहित लगभग दो दर्जन लोगों की मौत हो गई है. यही कारण है कि अमेरिका सहित कई लोग तत्काल युद्धविराम की मांग कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय बचाव समिति ने एक बयान में कहा कि “इजरायली अधिकारियों द्वारा अमेरिकी वित्त पोषित मानवीय सहायता को लगातार और मनमाने ढंग से अस्वीकार कर दिया गया है.”

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आरोपों का नकार रहा है इजरायल

संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के एक प्रवक्ता ने ब्लूमबर्ग के सवालों के जवाब में कहा, “1 से 15 मार्च के बीच, उत्तर में हर पांचवें मानवीय मिशन को पहुंच से वंचित कर दिया गया था. इजरायली सेना के नागरिक मामलों के विभाग के प्रवक्ता शिमोन फ्रीडमैन ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि इजरायल उत्तरी गाजा में सहायता की सुविधा दे रहा है लेकिन अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों ने आवश्यकतानुसार ट्रकों, श्रमिकों या काम के घंटों की संख्या में वृद्धि नहीं की है. उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल सच नहीं है कि हम जनरेटरों को अंदर जाने से रोकते हैं. कुछ को हमारे सैनिकों ने अस्पतालों में पहुंचाया है. हम पानी, भोजन और आश्रय उपकरणों को प्राथमिकता देते हैं.”

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