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उत्तराखंड कैबिनेट ने UCC ड्राफ्ट के प्रस्‍ताव को दी मंजूरी, 6 फरवरी को विधानसभा में किया जाएगा पेश

इसे लेकर मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने आज एक एक्‍स पोस्‍ट किया है, जिसमें उन्‍होंने लिखा, “समय की मांग है समान नागरिक संहिता कानून और हम इसे लागू करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.”

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में बैठक हुई, जिसमें यूसीसी को लेकर प्रस्‍तुतिकरण देखने के बाद उसे मंजूरी दी गई. 

उत्तराखंड के लिए UCC का मसौदा तैयार करने वाली समिति की प्रमुख सिफारिशों में बहुविवाह और बाल विवाह पूरी तरह से प्रतिबंध के साथ ही सभी धर्मों की लड़कियों के लिए विवाह योग्य समान आयु और तलाक के लिए समान आधार और प्रक्रियाएं शामिल होने की बात कही जा रही है.

पांच सदस्‍यीय समिति ने तैयार किया ड्राफ्ट 

उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में सरकार द्वारा नियुक्त पांच-सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को 749 पृष्ठ की चार खंड वाली रिपोर्ट उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी थी.  

उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया 

UCC के संबंध में कानून पारित करने के लिए उत्तराखंड विधानसभा का चार-दिवसीय विशेष सत्र आहूत किया गया है. यह सत्र 5 से 8 फरवरी तक बुलाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, आयोग ने सिफारिश की है कि लड़कों और लड़कियों को समान विरासत का अधिकार होगा, विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा और लड़कियों के लिए विवाह योग्य आयु भी बढ़ाई जाएगी, जिससे वे शादी से पहले स्नातक तक की पढ़ाई कर सकें.

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सूत्रों ने कहा कि जिन जोड़ों की शादियां पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें किसी भी तरह की सरकारी सुविधा नहीं दी जाएगी. साथ ही ग्रामीण स्तर पर विवाह के पंजीकरण के लिए व्यवस्था की जाएगी. हालांकि, इस मसौदे को अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है.

आजादी के बाद UCC अपनाने वाला पहला राज्‍य होगा 

UCC राज्य में सभी नागरिकों के लिए समान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करेगा. फिर चाहे उनका धर्म कुछ भी हो. यूसीसी लागू होने पर उत्तराखंड आजादी के बाद इसे अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. गोवा में पुर्तगाली शासन के समय से ही यूसीसी लागू है.

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