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VIDEO : जब सौम्या मर्डर केस में 15 बाद आया फैसला, तो मां ने जांच अधिकारी को लगा लिया गले

नई दिल्ली:

टीवी जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने पांचों आरोपियों को दोषी करार दे दिया. 30 सितंबर 2008 को सौम्या की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सौम्या को उस वक्त गोली मार दी गई थी, जब वह ऑफिस से घर लौट रही थीं. सौम्या का शव वसंत कुंज के पास कार में मिला था. अब 15 साल बाद कोर्ट ने चार आरोपी रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अक्षय कुमार को हत्या और लूट के साथ-साथ मकोका में भी दोषी पाया है. जबकि अजय सेठी को आरोपियों की मदद और मकोका के तहत दोषी करार दिया है. इस मामले में दलीलें पूरी होने के बाद कोर्ट ने 13 अक्टूबर को अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था.

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माधवी विश्वनाथन और एमके विश्वनाथन पिछले 15 साल से अपनी बेटी के लिए इंसाफ का इंतजार कर रहे थे. 

फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए माधवी विश्वनाथन ने कहा, “हमने अपनी बेटी को खो दिया, लेकिन यह दूसरों के लिए एक सबक होगा. वरना उनकी (दोषियों का) हिम्मत बढ़ जाती. कम से कम एक गैंग तो खत्म होगी.”

जब वह मीडिया से बात करने के बाद वहां से मुड़ती हैं तो देखती हैं कि एक शख्स उनके पीछे उनका इंतजार कर रहा है. तभी उन्होंने उस शख्स को पहचान लिया और उन्हें अपने गले लगा लिया. गले लगाकर माधवी विश्वनाथन ने उस शख्स से कहा, “बहुत बहुत धन्यवाद”. 

वह शख्स थे, एचजीएस धालीवाल. जो अब दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के विशेष पुलिस आयुक्त हैं. जब सौम्या की वसंत विहार इलाके में उनकी कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, उस वक्त वह पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) थे. आज जब यह फैसला आया तो पुलिस अधिकारी एचजीएस धालीवाल कोर्ट में बुजुर्ग दंपत्ति को सपोर्ट करने पहुंचे थे.

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जब मीडिया ने फैसले पर पुलिस अधिकारी की प्रतिक्रिया जानी तो उन्होंने कहा कि वह “बहुत खुश” हैं. उन्होंने कहा, “मामले को सुलझाने में हमें छह महीने लग गए. और हर दिन, माधवी विश्वनाथन हमारी रिव्यू मीटिंग में शामिल होती थीं, और हमारी टीम को इस केस पर काम करते हुए देखती थी. सौम्या के परिवार को CBI जांच का ऑफर भी दिया गया था. लेकिन यह एक दुर्लभ मामला है, जहां पीड़ित परिवार ने कहा कि वे चाहते हैं कि दिल्ली पुलिस ही इस केस पर काम करे.”

अधिकारी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि दिल्ली पुलिस सौम्या विश्वनाथन के परिवार के भरोसे पर खरी उतरी.

कब क्या हुआ?

– 30 सितंबर 2008: 25 साल की पत्रकार की हत्या

– 2009: जांच में बड़ी कामयाबी मिली

– मार्च 2009: 5 आरोपी गिरफ़्तार  

– फरवरी 2010: ट्रायल शुरू  

– हत्या, लूट और मकोका में आरोप

– 13 अक्टूबर 2023: सुनवाई पूरी, फ़ैसला सुरक्षित

– 18 अक्टूबर 2023: पांचों आरोपी दोषी

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