देश

"क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू की जाए", NCLAT के अधिकारियों पर SC सख्त

नई दिल्ली:

आदेशों का पालन नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने  NCLAT के अधिकारियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. अदालत ने NCLAT  के  न्यायिक सदस्य राकेश कुमार और तकनीकी सदस्य आलोक श्रीवास्तव को नोटिस जारी किया है.  सुप्रीम कोर्ट ने पूछा क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को 30 अक्तूबर को पेश होने के आदेश दिए हैं. इस मामले पर CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट आदेश के बाद देश के कारपोरेट जगत को ये ध्यान रखना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट की उन पर सीधी निगाह है. 

यह भी पढ़ें

CJI ने की सख्त टिप्पणी

नाराज CJI ने कहा कि हमारे आदेश के बावजूद जांच करने वाली संस्था यानी स्क्रूटनाइजर ने पूर्व सीजेआई से कानूनी राय क्यों और कैसे मांगी और इस आधार पर नतीजे क्यों रोके? चंद्रचूड़ ने कहा कि उनको यहां आने दीजिए हम उनको तिहाड़ जेल भेजते हैं तब उनको इस कोर्ट की शक्ति समझ में आएगी! मामला केबल बनाने वाली कंपनी फिनोलेक्स की सालाना आम बैठक यानी एजीएम के नतीजे का खुलासा करने से संबंधित है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शुक्रवार को हमारा आदेश था कि स्क्रूटनाईजर की रिपोर्ट के इंतजार में नतीजे का प्रकाशन ना रोका जाए. NCLAT  को ये बात समझ में क्यों नहीं आई?आरोप है कि ट्रिब्यूनल ने रिपोर्ट का खुलासा कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अवमानना की है. 

16 अक्टूबर को दिया गया था जांच का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने ये कदम  फिनोलेक्स केबल्स की वार्षिक आम बैठक (AGM) के मामले में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय ट्रिब्यूनल (NCLAT) के सदस्यों के खिलाफ उठाया है. 16 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने अपने आदेशों की अवहेलना के लिए NCLAT पीठ के खिलाफ जांच का आदेश दिया था. 13 अक्टूबर को, NCLAT ने दीपक छाबड़िया को फिनोलेक्स केबल्स लिमिटेड के चेयरमैन के रूप में बने रहने की अनुमति दी, और कंपनी के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन में लाए जाने वाले बदलावों पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्टूबर को NCLAT के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत्त) अशोक भूषण को इस बात की जांच करने का निर्देश दिया कि क्या अपीलीय ट्रिब्यूनल की पीठ ने शीर्ष अदालत के आदेश की अवहेलना की है.

यह भी पढ़ें :-  मणिपुर : सरकार ने मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध आठ नवंबर तक बढ़ाया 

निजी तौर पर कोर्ट में पेश होने का दिया था आदेश

16 अक्टूबर को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एनसीएलएटी के अध्यक्ष जस्टिस अशोक भूषण से अपने आदेश की अवहेलना के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था. जस्टिस भूषण को 16 अक्टूबर शाम 5 बजे तक रिपोर्ट सौंपनी थी. 16 अक्टूबर को, NCLAT  प्रिंसिपल बेंच, नई दिल्ली ने पहले के आदेश को निलंबित कर दिया, जिसमें दीपक छाबड़िया को फिनोलेक्स केबल्स के चेयरमैन के रूप में बने रहने की अनुमति दी गई थी.  इससे पहले, शीर्ष अदालत ने एनसीएलएटी को अपने फैसले के साथ आगे बढ़ने और जांचकर्ता की रिपोर्ट मिलने के बाद ही बैठक के नतीजे घोषित करने का निर्देश दिया था. पीठ ने एनसीएलएटी के वकील से कहा कि स्क्रूटनाइजर को बता दीजिए कि उनको निजी तौर पर कोर्ट में पेश होना है और हम उनको सजा देंगे. 

 

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button