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न्यूयॉर्क की ट्रेन में महिला को जिंदा जलाने वाले की गिरफ्तारी पर मस्क ने क्यों लिखा 'Wow'


नई दिल्ली:

अमेरिका के न्यूयॉर्क में रविवार सुबह एक दिल को दहला देने वाली घटना हुई.न्यूयॉर्क एक सबवे ट्रेन में एक महिला को जिंदा जला दिया गया. यह घटना कोनी आइलैंड-स्टिलवेल एवेन्यू स्टेशन पर हुई.घटना के समय ट्रेन स्टेशन पर खड़ी थी. महिला ट्रेन में बैठी थी. उसी दौरान एक व्यक्ति ने अपने लाइटर से उसके कपड़े में आग लगा दी. इस घटना में ग्वाटेमाला के एक प्रवासी सबेस्टियन जैपेटा को गिरफ्तार किया गया है. वह 2018 में एरिजोना के रास्ते अमेरिका में दाखिल हुआ था. पुलिस के पास उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है. इस घटना पर उद्योगपति एलन मस्क ने चिंता जताई है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया है.

एलन मस्क ने क्या लिखा है

मस्क ने अमेरिका (@america) नाम के एक हैंडल से किए गए ट्वीट को रीट्वीट किया है. इस ट्वीट में लिखा है, ”ब्रेकिंग: न्यू यार्क सिटी सबवे में महिला को जिंदा जलाना वाले व्यक्ति के ग्वाटेमाला का अवैध प्रवासी होने की पुष्टि हुई है. वह प्रत्यर्पित किए जाने के बाद दुबारा देश में दाखिल हुआ था.” इस ट्वीट के साथ मस्क ने लिखा है-Wow. 

मस्क ने जिस अमेरिका नाम के ट्वीटर हैंडल को रीट्विट किया है, वह एक पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (पीएसी)है. इसकी स्थापना मस्क ने ही की है. यह पीएसी उन लोगों का समर्थन करती है, जो सीमाओं की सुरक्षा, सावधानीपूर्वक किए गए खर्च, सुरक्षित शहरों, भेदभाव मुक्त न्याय व्यवस्था, अभिव्यक्ति की आजादी और आत्मरक्षा की वकालत करते हैं. मस्क की इस पीएसी ने डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति अभियान में मदद के लिए करीब 200 मिलियन डॉलर खर्च किए थे.

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ट्रंप और मस्क की दोस्ती

राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद डॉनल्ड ट्रंप ने मस्क को सरकारी दक्षता विभाग का काम सौंपा था. इस विभाग का काम सरकार को सरकारी खर्चों में कटौती के उपाय बताना है.इस काम में मस्क के साथ रिपब्लिकन पार्टी के नेता विवेक रामास्वामी भी उनका साथ देंगे. ट्रंप मैक्सिको की सीमा से देश में प्रवेश करने वालों पर सख्त नियंत्रण की वकालत करते रहे हैं. ऐसे में मस्क के ट्वीट को अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन पर तंज के रूप में देखा जा रहा है.हालांकि अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) की 19 दिसंबर को जारी रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में दो लाख 71 हजार से अधिक आप्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित किया गया.यह संख्या पिछले एक दशक में निर्वासित किए गए आप्रवासियों की सबसे बड़ी संख्या है. इतने अवैध अप्रवासियों को निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में निर्वासित किए गए प्रवासियों की संख्या से भी अधिक है. 

अवैध प्रवासियों को लेकर डॉनल्ड ट्रंप बहुत सख्त रहे हैं.अपने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने वादा किया कि 2017 से 2021 के अपने कार्यकाल की अधूरी नीतियों को पूरा करने के लिए कदम उठाएंगे.ट्रंप ने 18 नवंबर को एक सोशल मीडिया पोस्ट में संकेत दिया था कि वह राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करेंगे और अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को बाहर भेजने के लिए सैन्य साधनों का उपयोग करेंगे.उन्होंने 2019 की ‘रिमेन इन मेक्सिको’ कार्यक्रम को फिर से शुरू करने की बात कही है.इसके तहत कुछ चुनिंदा देशों के नागरिकों को अपनी शरणार्थी अर्जी के निपटारे तक मेक्सिको में ही रहना पड़ता था. 

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अवैध प्रवासियों पर ट्रंप की नीति

न्यूयॉर्क की घटना ने अवैध प्रवासियों की समस्या को एक बार फिर सामने ला दिया है. ऐसे में लोग अब इस बात के कयास लगा रहे हैं कि 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने इस समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर सकते हैं. उनके इस काम को एलन मस्क का समर्थन मिल सकता है. मस्क भी अवैध प्रवासियों के लिए सख्त माने जाते हैं.न्यूयॉर्क की घटना के बाद नाराजगी जताते हुए मस्क ने लिखा था,”बहुत हो चुका.” 

न्यूयॉर्क की घटना में शामिल व्यक्ति की पहचान ग्वाटेमाला के एक प्रवासी सबेस्टियन जैपेटा के रूप में हुई है. वह 2018 में एरिजोना के जरिए अमेरिका में अवैध तरीके से दाखिल हुआ था. पुलिस इस बात की पुष्टि की है कि वह पीड़िता को नहीं जानता था और न ही न्यूयॉर्क में उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड है.

इस मामले में गिरफ्तार व्यक्ति ने महिला के कपड़ों में आग लगाने के लिए लाइटर का इस्तेमाल किया.इससे महिला कुछ ही सेकेंड में जलने लगी.वहां गश्त कर रहे अधिकारियों ने धुआं और आग देखकर महिला की आग बुझाई, लेकिन महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें हमलावर महिला को जलते हुए देख रहा था.घटना के बाद आरोपी घटनास्थल से भाग निकला. लेकिन सतर्क नागरिकों और अधिकारियों की सूझबूझ से उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया गया.

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