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क्या आप LG को बचा रहे हैं? बिना परमिशन पेड़ काटने पर सुप्रीम कोर्ट ने DDA को लगाई फटकार


नई दिल्ली:

साउथ दिल्ली के रिज एरिया में बिना परमिशन पेड़ काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (24 जून) को सुनवाई हुई. कोर्ट ने दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) को रिज एरिया में पेड़ काटे जाने कड़ी फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पेड़ काटे जाने जैसे बेशर्मीपूर्ण काम को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. शीर्ष अदालत ने DDA के वाइस चेयरमैन से यह साफ करने के लिए कहा कि उन्होंने लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG) के ऑर्डर पर पेड़ काटे हैं? कोर्ट ने DDA के 3 अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने अवमानना कार्यवाही में रिज प्रबंधन बोर्ड और दिल्ली वन विभाग को भी शामिल किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम इस मामले की सच्चाई जानना चाहते हैं. आखिर किसके निर्देशों पर पेड़ काटे गए. क्या LG के निर्देशों पर पेड़ काटे गए? ” अदालत ने DDA के वाइस चेयरमैन से पूछा कि क्या LG वीके सक्सेना के 3 फरवरी के दौरे का कोई रिकॉर्ड है? LG के दौरे के बाद क्या हुआ था?” 

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “ये चौंकाने वाला है कि बिना इजाजत 1100 बेशकीमती पेड़ काट दिए गए. हम DDA के उन कामों की डिटेल जांच का प्रस्ताव देते हैं. जिनकी वजह से इकोसिस्टम का विनाश हुआ. राजधानी में इस तरह के बेशर्मी भरे कामों को अदालत हल्के में नहीं ले सकती.”

कोर्ट ने कहा, “अगर अधिकारी अपने वैधानिक और संवैधानिक कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं, तो अदालत को सभी अधिकारियों को स्पष्ट संकेत देना होगा कि पर्यावरण को इस तरह से नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता. हम हैरत में हैं कि न्यायिक अफसर कैसे DDA में कानूनी सलाहकार हैं. क्या ये न्यायपालिका की निष्पक्षता और स्वतंत्रता के खिलाफ नहीं है?” अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इस मामले को देखने को कहा है. अगली सुनवाई बुधवार को होगी. 

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16 मई को कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए शुरू की सुनवाई
16 मई को नाराज सुप्रीम कोर्ट ने DDA के वाइस चेयरमैन के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू की. DDA वाइस चेयरमैन को सभी जिम्मेदार अधिकारियों के नाम का भी खुलासा करने को कहा गया, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

रिज क्षेत्र में सड़क निर्माण का काम बंद
इस बीच रिज क्षेत्र में सड़क का काम बंद कर दिया गया है. फोरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया देहरादून को कितने पेड़ काटे गए और कितना नुकसान हुआ… इसका सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं. शीर्ष अदालत ने कहा, “हमारा विचार है कि DDA की ओर से काटे गए एक पेड़ के बदले में 100 नए पेड़ लगाने होंगे. अलग से पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) को भी कानून के मुताबिक कार्रवाई करनी होगी. रिज क्षेत्र में काम के लिए अदालत की अनुमति लेनी होगी.”  

FSI और एक्सपर्ट कमिटी रिपोर्ट सौंपने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने FSI और एक्सपर्ट कमिटी को शुरुआती रिपोर्ट सौंपेने को कहा. सुनवाई के दौरान जस्टिस एएस ओक ने कहा, “DDA को पता था कि इस अदालत की अनुमति के बिना पेड़ नहीं काटे जा सकते. फिर भी ऐसा हुआ. इस अदालत के आदेशों का जानबूझकर उल्लंघन किया गया. कानून की अवज्ञा की गई. DDA ने इस तथ्य को भी छुपाया कि पेड़ों की कटाई का काम पूरा हो चुका था. कटाई  इस साल फरवरी में शुरू हुई थी.”

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“एजेंसियां कानून अपने हाथ में नहीं ले सकतीं…”, दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ कटाई मामले पर सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस एएस ओक ने कहा, “DDA के अध्यक्ष के रूप में LG ने अदालत द्वारा पारित आदेशों का जानबूझकर उल्लंघन किया है. ये न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप है. DDA अध्यक्ष को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे की सभी गतिविधियां बंद हो जाएं.”

DDA चेयरमैन तैनात करेंगे टीम 
अदालत ने कहा, “सड़क का काम रुका या नहीं… इसका पता लगाने के लिए DDA चेयरमैन टीम तैनात करेंगे. इसलिए हम भारतीय वन सर्वेक्षण देहरादून को सड़क के हिस्सों का दौरा करने का निर्देश देते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि संभवतः कितने पेड़ काटे गए होंगे. फिर नुकसान का आकलन किया जाएगा. इसके लिए ठेकेदार का पूरा रिकॉर्ड शेयर करना होगा.”

अदालत ने DDA को सड़कों के लिए आगे की सभी गतिविधियों को रोकने और इसे सत्यापित करने के लिए साइट पर जाने का निर्देश दिया है. 

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