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मीसा भारती, रोहिणी आचार्य… लालू ने क्यों दिया बेटियों को यह नाम, कहानी बड़ी फिल्मी है

इस लोकसभा चुनाव में मीसा भारती पाटलिपुत्र तो रोहिणी आचार्य सारण से हैं उम्मीदवार

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार बिहार की लड़ाई बेहद दिलचस्प है. बिहार में NDA बनाम INDIA गठबंधन की लड़ाई है. इस बार के चुनाव में लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती और रोहिणी आचार्य चर्चाओं में है. चर्चा में रहने की सबसे बड़ी वजह है उनका चुनावी मैदान में होना नहीं बल्कि उनका नाम है. मतलब, ये कि लालू यादव की बेटी मीसा भारती और रोहिणी आचार्य अपने नाम को लेकर इस बार के चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चाओं में हैं. मीसा भारती और रोहिणी आचार्य के चुनाव लड़ने की घोषणा होने के बाद से ही सोशल मीडिया से लेकर तमाम प्लेटफॉर्म पर उनके नाम को लेकर चर्चाएं हैं. मीसा भारती और रोहिणी आचार्य का आखिर ये ही नाम क्यों पड़ा, इसे लेकर कई तरह की कहानियां अब सोशल मीडिया पर गढ़ी जा रही हैं. लेकिन अगर हकीकत में देखें तो लालू यादव की दोनों बेटियों का नाम रखे जाने की कहानी बेहद फिल्मी है. चलिए आज हम आपको मीसा भारती और रोहिणी आचार्य का नाम आखिर पड़ा कैसे, इसे लेकर वो कहानी बताने जा रहे हैं जो कम ही लोगों को पता है…..

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साल 1976 का था, जब पूरे देश में आपातकाल (इमरजेंसी) लागू था और कई बड़े नेताओं को उस समय की सरकार ने जेल में डाल दिया था. इमरजेंसी में जिस कानून के तहत सरकार का विरोध कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया था उसे मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्यूरिटी एक्ट (MISA) के नाम से जाना जाता था. इमरजेंसी के दौरान जेले जाने वाले नेताओं ने लालू प्रसाद यादव भी शामिल थे. लालू प्रसाद यादव जेपी के साथ मिलकर उस दौरान कांग्रेस का विरोध कर रहे थे.

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जब लालू प्रसाद यादव जेल में थे उसी दौरान उनके घर बेटी का जन्म हुआ. चुकी उस दौरान पिता लालू यादव जेल में बंद थे और उन्हें मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्यूरिटी एक्ट के तहत ही जेल में डाला गया था. ऐसे जब पहली बेटी का नाम रखने की बात सामने आई तो उसका नाम भी इसी एक्ट के तहत मीसा रखा गया. 

अब बात अगर रोहिणी आचार्य की करें तो उनका नाम रखे जाने की कहानी तो और भी दिलचस्प है. साल था 1979 का जब लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी एक बार फिर मां बनने वाली थी. डिलिवरी से ठीक पहले कुछ जटिलताओं की वजह से यह तय हुआ कि राबड़ी देवी का ऑपरेशन करना पड़ेगा. कहा जाता है कि उस समय ऑपरेशन की बात सुनकर लालू यादव घबरा गए थे. आनन-फानन में उस समय पटना की मशहूर महिला डॉक्टर कमला आचार्य से संपर्क साधा गया. कमला आचार्य ने राबड़ी देवी का सफल ऑपरेशन किया. ऑपरेशन पूरा होने के बाद जब डॉक्टर को उनकी फीस देने की बात आई तो कहा जाता है कि कमला आचार्य ने फीस लेने से मना कर दिया. 

लालू प्रसाद यादव ने जब कमला आचार्य से फीस लेने के जिद की तो उन्होंने कहा कि मैं आपसे कोई फीस तो नहीं लूंगा लेकिन आपको कुछ मुझे देना ही है तो आप अपनी इस बेटी को मेरा सरनेम दे दीजिए. यही मेरी फीस होगी और ये मेरा सौभाग्य भी होगा. 

कहा जाता है कि जिस समय लालू यादव की दूसरी बेटी का जन्म हुआ उस दौरान रोहिणी नक्षत्र चल रहा था. ऐसे में लालू ने अपनी इस बेटी का नाम रोहिणी रखा. सरनेम को लेकर पहले ही कमला आचार्य से बात हुई थी तो लालू यादव ने अपनी बेटी का सरनेम आचार्य रखा. इस तरह से रोहिणी का नाम रोहिणी आचार्य पड़ गया.  

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आपको बता दें कि इस बार के चुनाव में मीसा भारती पाटलिपुत्र से मैदान में हैं. जबकि उनकी छोटी बहन रोहिणी आचार्य पिता लालू प्रसाद यादव के गढ़ रहे सारण से चुनावी मैदान में हैं. पाटलिपुत्र से मीसा भारती के सामने इस बार राम कृपाल यादव की चुनौती है. जबकि सारण से रोहिणी आचार्य के सामने बीजेपी के राजीव प्रताव रूडी मैदान में हैं. 

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