"नया भारत अब अपने खुद हथियार बना रहा है…", The Hindkeshariडिफेंस समिट में बोले एयर वाइस मार्शल एनबी सिंह
भारत अब अत्याधुनिक हथियारों के लिए दूसरे देश पर निर्भर नहीं है. आज हम दुनिया के देशों को हथियार उपलब्ध कराने को लेकर दूसरे निर्माताओं को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. पूर्व एयर वाइस मार्शल एनबी सिंह ने The Hindkeshariडिफेंस समिट में ऐसा कहा. उन्होंने इस मौके पर कहा कि आज हमारे देश में ही वर्ल्ड क्लास हथियार बनाए जा रहे हैं. हमने आर्टलरी गन यूनिट को बढ़ावा देने के लिए पहले इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर जोर दिया.आर्टलरी सिस्टम को तैयार करने के लिए खास तौर के इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार किया गया है. आज ये नेशनल एसेट बन चुका है.
डिफेंस सेक्टर की वजह से पैदा हुई नौकरियां
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उन्होंने कहा कि हथियारों के लिए दूसरे देश पर निर्भरता को कम करने के लिए हमने अपने देश में ही एक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया. हमने देश में ही वेपन सिस्टम को तैयार किया है. इससे नौकरी भी पैदा हुई है. देश में हथियार बनाने से अर्थव्यवस्था को भी ताकत मिली है. हथियारों को बनाने में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने की वजह से आज हम दूसरे बड़े निर्माताओं से परिस्पर्धा कर पा रहे हैं.
हम अत्याधुनिका हथियार बना रहे हैं
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना बहुत अलग तरह के टेरेन में काम करती है. तो हमने ऐसे हथियार और वाहन बनाने की पहल शुरू की है जो उनके ऑपरेशन के हिसाब से बनाए जाएं. हम चाहते थे कि हथियार ऐसे बनाएं जाएं जो सेना की जरूरत के हिसाब से हों. और अच्छी बात ये है कि हम ऐसा कर पान में सफल हुए हैं. हम ऐसे हथियार बना रहे हैं जो हर तरह की स्थिति में काम कर सकें. यही वजह है कि आज हम हथियारों के आयात पर पहले की तुलना में कम निर्भर हैं.
डिफेंस सेक्टर की जरूरतों को लेकर हम आत्मनिर्भर बनने की दिशा में हैं
वहीं, पूर्व एयर चीफ मार्शल आरके एस भदौरिया ने कहा कि हथियार बनाने में खुदको आत्म निर्भर बनाना ही हमारा लक्ष्य है. ये इसलिए जरूरी है क्योंकि बीते 6 दशकों में हम दूसरे देशों से हथियार आयात करने पर ज्यादा फोकस करते रहे थे लेकिन बीते 10 सालों में स्थिति बदली है.अब हमारा फोकस आयात से ज्यादा निर्यात पर है. हम चाहते हैं कि हम अब अपने देश में ऐसा इकोसिस्टम बनाए जिससे हम अपनी जरूरत के लिए हथियार बनाने के साथ-साथ दूसरे देशों को भी हथियार दे सकें.
हम अब चीन से मुकाबले को तैयार हैं
उन्होंने कहा कि इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है. फिलहाल हमारा सारा फोकस अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से मॉडर्न हथियार बनाने पर है. साथ ही हम खुदको इसके लिए आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं. हालांकि अभी पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनने में थोड़ा समय और लगेगा. आज हथियारों को लेकर आत्मनिर्भर होने का फायदा ये हो रहा है कि अब हम चीन जैसे देश का मुकाबला करने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं है.
पीपीई मॉडल से भी हो रहा है फायदा
हथियार और लड़ाकू विमानों को तैयार करने को लेकर पीपीई मॉडल की महत्ता पर बात करते हुए HAL के डायरेक्टर ईपी जयदेव ने कहा कि हम निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. अगर तेजस विमान की बात करें तो अगर आप पूरे एयरक्राफ्ट को अलग-अलग भाग में देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि HAL ने इस एयरक्राफ्ट का एयरफ्रेम को डिजाइन किया है. जबकि अन्य पार्ट को HAL ने अलग-अलग कंपनियों के साथ मिलकर बनाया है. हम निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ मिलकर बेहतर तकनीक को विकसित करने पर काम कर रहे हैं.