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हरियाणा में आखिर क्यों टूटा BJP-JJP का गठबंधन? दुष्यंत चौटाला ने सियासी उलटफेर के 8 दिन बाद बताई वजह

दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को The Hindkeshariके साथ खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने साफ किया कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद जननायक जनता पार्टी के किसी भी सदस्य ने पार्टी नहीं छोड़ी है. उन्होंने संकेत दिया कि BJP-JJP के बीच दरार लोकसभा सीट शेयरिंग के समझौते पर असहमति का नतीजा है. दुष्यंत चौटाला ने इस बात पर जोर दिया कि JJP कैडर लोकसभा चुनाव और इसके बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों में पार्टी की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 

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रिपोर्ट के मुताबिक, BJP-JJP गठबंधन टूटने की मुख्य वजह दुष्यंत चौटाला की तरफ से दो सीटें मांगना है. BJP नेतृत्व एक सीट देने की बात मानने को तैयार था, लेकिन दुष्यंत दो सीटों पर अड़े हुए थे. जबकि BJP हरियाणा की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही थी. क्योंकि हरियाणा की सभी सीटों पर उसके सांसद हैं.

दुष्यंत चौटाला कहते हैं, “मैं बस इतना चाहता हूं कि इन सब पर एक स्पष्ट बयान दिया जाए… हम NDA(BJP के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय गठबंधन) में सीट-शेयरिंग सौदे पर चर्चा कर रहे थे. दिल्ली में इसे लेकर 4 दौर की बैठकें हुईं… आखिर में हम संख्या पर सहमत नहीं हो सके. इसलिए JJP ने अपनी बात रखी. हमने कहा कि हम BJP के साथ किसी भी लोकसभा सीट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन हमने ये भी कहा कि विधानसभा समझौते को अंतिम रूप देने की जरूरत है.”

दुष्यंत चौटाला ने बताया, “मुझे लगता है कि उसके बाद BJP ने अपना फैसला ले लिया. फैसला ये था कि मुख्यमंत्री खट्टर इस्तीफा देंगे और नई सरकार बनेगी. हमने फैसला किया कि हम इस सरकार का हिस्सा नहीं होंगे.”

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चौटाला ने कहा, “यह फैसला एक कैडर और एक पार्टी के रूप में लिया गया था, जो बाहर जाकर हर लोकसभा सीट जीतना चाहता था. हरियाणा में 10 सीटें हैं. पिछले चुनाव में ये सभी सीटें BJP ने जीती थीं.” उन्होंने कहा, “हमने BJP से यह भी कहा कि दोनों दलों को साथ बैठकर विधानसभा चुनाव की योजना बनाने की जरूरत है.”

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हरियाणा में क्या हुआ?

8 दिन पहले दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम थे. उनकी पार्टी JJP, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की प्रमुख सदस्य थी.  12 मार्च को कुछ ही घंटों में सब कुछ बदल गया. लोकसभा सीट-शेयरिंग डील को लेकर हुए खींचतान के बाद BJP ने JJP से गठबंधन तोड़ दिया. इसी दिन मनोहर लाल खट्टर और उनकी कैबिनेट का इस्तीफा हो गया. फिर BJP प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया. शाम को नए सीएम का शपथ ग्रहण भी हो गया.

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इसके बाद JJP ने अपने विधायकों को व्हिप जारी करके नई सरकार के फ्लोर टेस्ट से दूर रहने का निर्देश दिया. व्हिप को कुछ लोगों ने यह सुनिश्चित करने की एक सोची-समझी चाल के रूप में देखा कि नई सरकार अपने फ्लोर टेस्ट में पास हो जाए. क्योंकि विधायकों के अनुपस्थित रहने से पार्टी के लिए बहुमत का आंकड़ा कम हो गया, जिसे BJP ने आसानी से पार कर लिया. ऐसी भी चर्चा थी कि JJP के कुछ विधायक BJP के संपर्क में हैं. हालांकि, चौटाला इससे इनकार करते आए हैं.


हरियाणा में सरकार बदलने पर पहले तो दुष्यंत चौटाला ने चुप्पी साधे रखी. फिर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक लंबा पोस्ट कर हरियाणा के लोगों का शुक्रिया अदा किया. चौटाला ने कहा कि वह और उनकी पार्टी राज्य के लिए काम करना जारी रखेंगे.

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दुष्यंत चौटाला ने की खट्टर की तारीफ 

हाल ही में दुष्यंत चौटाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 9 साल सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर की तारीफ भी की थी. 

अपने इस्तीफे को लेकर चौटाला ने कहा, “मैंने ही इस्तीफा नहीं दिया, बल्कि सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी इस्तीफा दिया.” उन्होंने पूर्व सीएम की तारीफ करते हुए कहा, “खट्टर ने बहुत अच्छे से गठबंधन की सरकार चलाई.”

 

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